
“कैंसर और पैरालिसिस से जूझ रहे बेटे के परिवार को मिला सहारा, आष्टा युवा संगठन ने थामा हाथ”
आष्टा।
जहां जीवन की लड़ाई अकेले लड़ते-लड़ते एक परिवार उम्मीद छोड़ बैठा था, वहीं आष्टा युवा संगठन संस्था ने एक बार फिर अपने सेवा भाव से साबित कर दिया कि इंसानियत अब भी जिंदा है।
नगर के कमलजी मेवाड़ा अपने दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहते हैं और एक छोटे से होटल का संचालन कर परिवार का गुज़ारा करते हैं। उनकी पत्नी का निधन पहले ही हो चुका है और अब उनका बड़ा बेटा कैंसर व पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं, और अब परिवार आर्थिक व मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुका है।
इस दुःखद परिस्थिति की जानकारी मिलने पर आष्टा युवा संगठन ने न केवल सहानुभूति जताई, बल्कि ठोस मदद का भी ऐलान किया। संस्था ने निर्णय लिया कि जब तक बेटा बीमार है, तब त
क परिवार को हर माह राशन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा इलाज हेतु ₹8000 की आर्थिक सहायता चेक द्वारा की गई।
आज संस्था के सदस्य रोहित तोमर और मोहित जैन ने पहली बार राशन सामग्री परिवार तक पहुंचाई, जिसकी लागत ₹2621 रही। राशन में वही सामग्री शामिल की गई, जो परिवार ने खुद चुनी।
इस पहल के साथ आष्टा युवा संगठन न केवल आर्थिक मदद कर रहा है, बल्कि एक टूटी उम्मीद को फिर से जीवित कर रहा है। यह कदम नगरवासियों को भी प्रेरित करता है कि ज़रूरतमंदों के लिए अगर समाज एकजुट हो जाए तो कोई भी संघर्ष असंभव नहीं।